
पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर तब हुआ जब तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने भरतपुर से विधायक हुमायूं कबीर को पार्टी से 6 साल के लिए सस्पेंड कर दिया। परिवहन मंत्री फिरहाद हकीम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह ऐलान किया।
मामला?
कबीर ने 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद में ‘बाबरी मस्जिद’ की नींव रखने का सार्वजनिक ऐलान कर दिया था—जिससे पार्टी नाराज़ हो गई।
राजनीति में बयानबाज़ी नई नहीं… लेकिन इस बार बयान इतना ‘फाउंडेशन-लेवल’ का था कि तुरंत एक्शन ले लिया गया।
कबीर का ऐलान—“नींव रखूँगा, चाहे कुछ भी हो!”
कबीर ने कहा था कि वे मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद की आधारशिला रखने वाले हैं।
इसके साथ उन्होंने दावा किया कि— वे TMC छोड़ने को तैयार हैं। वे नींव रखना अपना निजी संकल्प मानते हैं। मस्जिद निर्माण के लिए देशभर से चंदा जुटाएँगे। और जरूरत पड़ी तो “कठिन परिस्थितियों” का सामना भी करेंगे।
राजनीतिक तौर पर बयान काफी भारी था… और पार्टी ने इसे हल्के में नहीं लिया।
TMC की नाराज़गी और सरकार की प्रतिक्रिया
TMC हाईकमान, खासकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, इस घोषणा से बेहद असहज बताई जा रही हैं। उन्होंने नींव-रखाई कार्यक्रम से दूरी बना ली है। वहीं राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने प्रशासन को प्रिवेंटिव एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं ताकि कानून-व्यवस्था प्रभावित न हो।

राज्यपाल पर प्रतिक्रिया देते हुए कबीर ने कहा— “गवर्नर RSS के एजेंट हैं।”
राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप तो आम हैं, लेकिन यह बयान विवाद को और बढ़ा रहा है।
NH-34 ब्लॉक करने की चेतावनी
कबीर ने चेतावनी दी कि अगर उन्हें नींव रखने से रोका गया तो वे मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ मिलकर NH-34 ब्लॉक करेंगे। यह बयान प्रशासन को और अधिक अलर्ट कर गया।
कबीर की राजनीतिक यात्रा—और 2026 चुनावों पर असर?
- 2011: पहली बार विधायक बने
- कभी मंत्री रहे
- 2021 से लगातार विवादों में
- अब TMC से 6 साल सस्पेंड
पश्चिम बंगाल में लगभग 38% मुस्लिम आबादी होने के कारण उनके बयान और कदम 2026 के चुनावी समीकरण पर असर डाल सकते हैं। राजनीति में एक नींव के ऐलान ने सच में कई समीकरणों की नींव हिला दी है।
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